12 Jul, 2025
  
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विपिन कुमार बने मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के आप्त सचिव : प्रशासनिक हलकों में सरगर्मी तेज, विशेषज्ञता और अनुभव से मंत्री को मिलेगा महत्वपूर्ण सहयोग

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विपिन कुमार बने मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के आप्त सचिव : प्रशासनिक हलकों में सरगर्मी तेज, विशेषज्ञता और अनुभव से मंत्री को मिलेगा महत्वपूर्ण सहयोग

रांची – झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण नियुक्ति सामने आई है। झारखंड सचिवालय सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विपिन कुमार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का आप्त सचिव नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति राज्य के मंत्रिमंडल समन्वय विभाग द्वारा जारी किए गए एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से की गई है। यह नियुक्ति अस्थायी रूप से की गई है और यह को-टर्मिनस आधार पर प्रभावी रहेगी, यानी यह नियुक्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के कार्यकाल तक ही सीमित रहेगी।

कौन हैं विपिन कुमार?

विपिन कुमार एक अनुभवी और समर्पित प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो झारखंड सचिवालय सेवा के तहत लंबे समय से कार्यरत हैं। वर्तमान में वे ग्रामीण विकास विभाग (REO) में उप सचिव के पद पर तैनात थे, जहाँ वे कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान शासन प्रशासन में दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता के लिए प्रशंसा अर्जित की है।

विपिन कुमार की प्रशासनिक क्षमता और नीतिगत समझ को ध्यान में रखते हुए, उन्हें मंत्री डॉ. अंसारी का आप्त सचिव नियुक्त किया गया है। उनके अनुभव और प्रशासनिक कौशल से मंत्री को नीति-निर्माण और कार्यक्रम क्रियान्वयन में बेहतर सहयोग मिल सकेगा।

आप्त सचिव की भूमिका और महत्व

आप्त सचिव किसी भी मंत्री का अत्यंत महत्वपूर्ण पदाधिकारी होता है, जो मंत्री के व्यक्तिगत और विभागीय कार्यों के संचालन में सहायक होता है। यह पद न केवल प्रशासनिक समन्वय स्थापित करता है, बल्कि मंत्री के विचारों और प्राथमिकताओं को संबंधित विभागों में प्रभावी रूप से लागू

 करने में भी भूमिका निभाता है।

विपिन कुमार की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब झारखंड सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनेक योजनाओं पर काम कर रही है। ऐसे में एक कुशल और अनुभवी आप्त सचिव की आवश्यकता को समझा जा सकता है।

नियुक्ति की प्रक्रिया और आधिकारिक आदेश

मंत्रिमंडल समन्वय विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह नियुक्ति अस्थायी है और विपिन कुमार की सेवा को कार्मिक विभाग से मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को प्रतिनियुक्ति के आधार पर लिए जाने की प्रत्याशा में की गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि जब तक कार्मिक विभाग से औपचारिक स्वीकृति नहीं मिल जाती, तब तक यह नियुक्ति अस्थायी रूप से प्रभावी रहेगी।

इस आदेश में को-टर्मिनस व्यवस्था का भी उल्लेख किया गया है, जिसका आशय यह है कि विपिन कुमार की यह नियुक्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के कार्यकाल तक ही सीमित रहेगी। जब तक मंत्री अपने पद पर बने रहेंगे, तब तक विपिन कुमार आप्त सचिव के रूप में कार्य करेंगे।

राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों की प्रतिक्रिया

विपिन कुमार की इस नियुक्ति के बाद राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, खासकर उस समय में जब राज्य सरकार जनहित में विभिन्न योजनाओं को तेजी से लागू करने पर बल दे रही है। यह नियुक्ति यह भी दर्शाती है कि मंत्री डॉ. अंसारी अपने प्रशासनिक कामकाज में अनुभव और दक्षता रखने वाले लोगों को प्राथमिकता देना चाहते हैं।

कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि विपिन कुमार जैसे अधिकारी की नियुक्ति से मंत्री की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होगी और विभागीय योजनाओं को धरातल पर उतारने में सहूलियत मिलेगी। वहीं, विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार को इस तरह की नियुक्तियों में पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।

झारखंड में प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था

झारखंड राज्य में प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था के अंतर्गत एक विभाग के अधिकारी को अन्य विभाग में नियत अवधि के लिए कार्य करने हेतु स्थानांतरित किया जाता है। यह व्यवस्था शासन की प्राथमिकताओं और विभागीय आवश्यकताओं के अनुसार की जाती है। ऐसे में जब किसी मंत्री को प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता होती है, तो वे अनुभवी अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त करने की अनुशंसा करते हैं।

विपिन कुमार की नियुक्ति इसी व्यवस्था के अंतर्गत की गई है। अब जब उनकी सेवा मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त होगी, तब उनकी नियुक्ति स्थायी रूप से प्रभावी मानी जाएगी।

डॉ. इरफान अंसारी की कार्यशैली

डॉ. इरफान अंसारी झारखंड के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं, जो अपने स्पष्ट वक्तव्यों और जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वे स्वास्थ्य मंत्री के रूप में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति सुधारने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। उनकी कार्यशैली तेज-तर्रार और जनहित केंद्रित मानी जाती है।

ऐसे में उनके साथ एक ऐसा अधिकारी नियुक्त किया जाना जो तेज गति से फाइलों का निपटारा कर सके, नीतिगत मसलों को समझता हो, और जनता तथा प्रशासन के बीच सेतु का काम कर सके – यह निश्चित रूप से मंत्री की कार्यक्षमता को और धार देगा।

आगे की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

आप्त सचिव के रूप में विपिन कुमार के समक्ष अनेक जिम्मेदारियाँ होंगी। उन्हें मंत्री के सभी विभागीय कार्यों में समन्वय स्थापित करना होगा, समयबद्ध फाइल निष्पादन सुनिश्चित करना होगा, और मंत्री की प्राथमिकताओं को प्रशासनिक अमले तक प्रभावी ढंग से पहुँचाना होगा।

इसके साथ ही, वे मीडिया, जनप्रतिनिधियों, और आम जनता के बीच संवाद के पुल के रूप में भी कार्य करेंगे। झारखंड की जटिल प्रशासनिक संरचना और राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह पद चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन विपिन कुमार जैसे अनुभवी अधिकारी के लिए यह एक अवसर भी है।

निष्कर्ष

विपिन कुमार की नियुक्ति एक संकेत है कि झारखंड सरकार अब अनुभव और प्रशासनिक दक्षता को प्राथमिकता दे रही है। डॉ. इरफान अंसारी जैसे सक्रिय मंत्री के साथ काम करने का अवसर मिलना निश्चित ही उनके करियर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस नियुक्ति से न केवल मंत्री को कार्य कुशलता में सहायता मिलेगी, बल्कि विभागीय कार्यों में तेजी, पारदर्शिता और जनहित की प्राथमिकता भी सुदृढ़ होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपिन कुमार इस नई जिम्मेदारी को किस प्रकार निभाते हैं और राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में किस हद तक सकारात्मक योगदान दे पाते हैं।

अगर आप चाहें तो मैं इसका पीडीएफ या सोशल मीडिया पोस्ट के लिए छोटा संस्करण भी बना सकता हूँ।

Comments(01)

  • Ritesh Panday

    June 10, 2025

    विपिन कुमार की आप्त सचिव के रूप में नियुक्ति एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव निश्चित रूप से मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक होगी। यह नियुक्ति अस्थायी रूप से की गई है और मंत्री के कार्यकाल तक प्रभावी रहेगी

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